Share Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email समझू इशारे सब तेरे मैं कभी रूठ ना तो कभी आर ओ एफ एल क्रेजी क्रेजी लम हो के फेर है हर उलझनों की उलझन से तू ही रंग मेरी हर मोड़ पे दिल की आवाज [संगीत] मेरे source