वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह मैं तोडी होस्ट नम कोर मैं टीवी 84 दे सारे दर्शका का हार्दिक स्वागत कर दी प्रोग्राम सचो सच विच रोजाना द तरह तो ते साडे हर मन प्यारे डॉक्टर अमरजीत सिंह जी आए हुए ने आओ उने मिल के प्रोग्राम शुरू
करिए डॉक्टर साहब वेलकम टू अवर शो थैंक यू डॉक्टर साहब आज 26 जून 2013 13 हार्ड नारंग शही सम्मत 545 का दिन है तो न अपने प्रोग्राम की शुरुआत साडे दर्शका लो आई ईमेल्स फोन मैसेजेस टेक्स्ट मैसेजेस सुन के मैं बहुत प्रभावित होया न मैं लगातार ता नाल ये प्रोग्राम देख रहा हां
क्योंकि डॉक्टर साहब दे विचार बड़े दुरुस्त अते स्पष्ट होंदे हन अते पते द गल करदे हन मेरे दादा दादी नाना नानी दसद हन कि 1947 तो पहला सिख अते मुसलमान साडे इलाके विच भरावा वांग रहदे सन दोव ही कौमा दे लोक एक दूसरे दिया औरता न अनिया मावा
पहना ते बच्चियां वांग समझ दे सन देश वंड दे दौरान ना दोहा कौमा विच फुट ल व तत जिम्मेवार हन जिन्हा न ना कौमा द सांझ चंगी नहीं सी लगदी मेरे ग्रैंड पेरेंट्स अजे भी उन्ना दिना न याद करके वैराग करदे हन अते बीते समय न बहुत याद करदे हन होन
दे समय विच भारत विच हजारा सिख ते मुसलमान मौत दे घट उ उतारे गए हन इस हालात ने दोहा कौमा न मनुख हक्का दे हक विच खलन ली एक प्लेट फार्म ते ले आंदा है न भारत विच ना दोहा कौमा न इकट्ठे होके आपने ह हका ली
जूना चाहिदा है मैं सोशल मीडिया राही तो प्रोग्राम न देखदा हां मैन चंगा लगदा है चंगा लगेगा ज डॉक्टर अमरजीत सिंह मेरे सवाल का जवाब देन इस संबंधी मैन ईमेल राही जानकारी दे देना ता कि मैं उसन इंटरनेट ते देख सका बहुत सत्कार ए डॉक्टर साहब सब तो
पहला तो वीर असद जावेद जी का बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्ने सान पेशावर तो लिख जी और सा य खुशी ते मान वाली गल है कि य सान पहली ईमेल जी पाकिस्तान द धरती तो आई है जी जी पिवर द सरजमीन तो जिस सा वाले पासे
पंजाब क पौर क सी जी जी और महाराजा रणजीत सिंह ने अपने एक लड़के द नाम भी पौरा सिंह रख स जी इस शहर तो य बड़ा इतिहासिक शहर भी है लंबा वक्त लंबी हिस्ट्री है जी पर जिस पीरियड वाल जावेद जी ने इशारा किता है जी
47 तो पहला इ कोई शक नहीं है कि उस पंजाब द धरती ते बेशक पाछ हजार साल तो अलग अलग कल्चर जड़ ने सभ्याचार इंटरम हुए जड़ भी आदा सी पश्चिम लो क्योंकि रस्ता ता दरा खैबर ही है जी उथ ही उ अलेक्जेंडर दे
जमाने तो ले के और उस तो भी पहला ज एरियस दे आन द गल ी है जी तो रस्ता ही सी जी जी जड़ आए इस धरती ते पंज दरियावा द धरती इंडस दरिया नाल लग जा जी जी क सप्त सिंधू कह सी य बहुत उपजाऊ जमीन सी जी बहुत वडिया
वडिया चार गा दरियावा दे कंडे सो फिर ज को आया वो वापस नहीं गया जी व मूल तौर दे उते आज भी पाकिस्तान था है बेशक अलेक्जेंडर तो उ दुनिया फते करन जनून चढ़ होया सी तो अपनी फौज दे हि ना चला गया जी जी पर ज कुछ
उ ना आए लोग सेटल होए आज भी पाकिस्तान दे विच उ द तहजीब वा वखरा इलाका है वख ग है उ ना काफर स्तान रख जी जी लेकिन वही जव उन्ना द ग्रीक्स का पहरावा सी उ दे ड्रेस उ दे डांस उ द सारे फीचर उन्ना वाले ने सो
ये अपने आप दे विच एक सबूत है और इसे तरह बेशक वो तुर्क सी पठान सन मुगल सन जड़ आए उन्हो ने फिर उस धरती न ही अपना घर बनाया इस ले उथे कोई किसे न य नहीं कह सकदा कि बाहर आए ने जिव ज आरएसएस का सिधांत है
आरएसएस उथ दे धर्मा डफाई कर तो इस्लाम ते क्रिश्चन न उन्न बाहर लोक क बाले ने ठीक है बाहर तो एरियन ने अपने आप हिंदू भी बने होए ने य भी फर उस डेफिनेशन ना बा आए उ मूल निवास गल करनी है फिर तो राव ने जिन क
के साउथ भेजते जी चलो असी उस वेर विच ना जाइए इने 1947 तो पहला अपने ग्रैंड पेरेंट्स हवाले नाल के जी जी सारिया कौमा सुखी वस स खास तौर ते सिखा और मुसलमाना द बांड जी जी पिछले दिना मैं एक आर्टिकल याज अमीर य पाकिस्तान मेंबर पार्लिमेंट भी रहे नवाज शरीफ की पार्टी
राही बेशक पार्टी तो उन्होने छड़ दिता जी इसर चोन नहीं लड़ी पर य फौज च आए होए ने जी और काफी उन्हा द मुताल करन दा माइंड है निजी जिंदगी हर एक द आपो अपनी उते कोई हां पखी जा ना पखी कमेंट नहीं करते जी
सो उने जो रणजीत सिंह द गल कीती और आज द जड़ी समस्या पाकिस्तान फेस कर र है उस खते दे विच तो उने य किया कि रणजीत सिंह वो इस धरती दा पुतर है जिने एक सांझ दा कल्चर दिता जी जिने पछा दती और उदी फौज दे विच
सिख मुसलमान और कुछ हिंदू भी जड़ ने वो एक सांझी आर्मी दे तौर ते लड़े बेशक जरा तौर ते सरकार खालसा करके सिख राज वजदा है जी पर उस राज दे विच जे मसीता द गल है तो उन्न भी लिबरल राज लो डोनेशन दतिया गईया
जी जे गुरुद्वार द गल है आज भी उन्हा दे ना जया ने जमीना ने और इसी तरह मंदिरा न दरगाहा न जी साई मिया मर जा लाहौर दे पैटन सेंट जड़ ने दाता गंज उन्ना सारन उन्हा ने जगीरा दिया लिबरली जी और इथ तक
एक कुरान शरीफ कोई दखन दे भारत च आया उने बड़ी मेहनत ना लिख सी और व सारे राज पया रिसता सी उ कुछ मुसलमान नवाब भी उमा उ मु मंगे पैसे नहीं मिले और इधर ज ल र उने मेरे ता फन और मेरे इस कैलीग्राफी द
कोई कदरदान ही नहीं है जी रणजीत सिंह ने गल उ तक पहुंची उने पछ कि भाई की तू एक्सपेक्ट कर त बहुत मेहनत कीती है सारी जिंदगी उने जो भी रकम कही महाराजा रजीत सिंह ने उस तो दुगनी रकम दे के व कुरान शरीफ ज वो
फकीर अजीजुद्दीन ज उ दे फॉरन मिनिस्टर सी उन्न भेट कीती अपने उने मथे ना लाया च कुराने मजीद न और फकीर अजीजुद्दीन सो य जड़ सांझ सी य बड़ी पीड़ सांझ सी और ही कारण है कि सिख राज द उते हमलावर े ने पूरबी और दखनी जी अंग्रेज दे अग बन के उ
मर्सन ज सब तो ज्यादा कीने पाए ने उस साझ दे टुट दे उस राज जान शाह मोहम्मद ने पाए ने जी और शाह मोहम्मद क फौज ज के अंत न हारिया ने शाह मोहम्मद तुसी पंजाबी हो जी कीरत सिंह सिपाही द रखनी सो ज एक सांझ द
कल्चर सी जारी र अंग्रेज बेशक आ गए उने राज तो अपने नाल मला लिया जी लेकिन य सांझ और य नहीं उ ग्रैंड पेरेंट्स पेशावर जा उस ब इस पंजाब जी ज साडे बुजुर्ग भी ने उ दिया भी ही सारी सांझ सी मोहलिया दे विच
ही सांझ हर एक द बच्ची उन्ना ही ऑनर है एक दूजे दे दुख सुख दे विच शूलय है शामिल ने कई बर ज बच्चा विगड़ तो वही ज एक सिख पिता है व ज अपना मुसलमान दोस्त जि मुंडा चाचा क उन कह कि भाई समझा और इस तर उ चाचे
मुंडा विगड़ तो व क जा ताया जी को कहना कि मेरा मुंडा विगड़ तुसी अकल देयो को जी सो य ज एक बड़ा साझ दा कल्चर सी जी पर ज 1930 तो इस दे विच बिटनेस शुरू हो गई सी उदा कारण जाहर है सियासी तौर ते अंग्रेज भी
अपनी गेम खेड रहे सी और कांग्रेस पार्टी जी जिस लीडर गांधी और नेहरू सी जिन्ना दे दिमाग दे विच हिंदू तवा वड़ हो अंग्रेज जान तो बाद उ हजार साल दी गुलामी भोगी है न असी इथे ज अपने हिंदुत्व अपना झंडा गंगे सो जाहर है और
मैं अगे भी य गल कही है कायद आजम मोहम्मद अली जिना एक इमानदार और अंदर सेकुलर इंसान सी वो कोई प्रैक्टिसिंग उस लेवल दे मुसलमान नहीं सी इमानदार आदमी सी और वो जे उन्न य गल कविंस े हो इस गल तो कि भाई अंगरेज दे जान तो बाद ट्रूली सेकुलर स्टेट
जिथे हिंदू सिख मुसलमान ईसाई सारे ही जड़ ने व आजादी दे उस नमता न मान सक ते वो उस नतीजे ते ना पहुच उने फिर 23 मार्च 1940 न पाकिस्तान द रेजोल्यूशन लाहौर दे विच ं उ तक पहुंचे क्योंकि इस लेवल तक पहुंच दिया
व इस गल बारे कन्वेंस हो गए सी कि इ दे अंदर इने सेकुलरिज्म गांधी है कम टू मीट मी ही है कम टू चीट मी खा दे सो सिख लीडरशिप उस हाल न नहीं समझ सकी अपनी स्थिति न बेहतर बनाने दे ल किस लेवल द नेगोशिएशन
कीती जा सकदी है व उ चासे फसे ठीक ने अल्टीमेटली ज ट्रिगरिंग पॉइंट है व ये है कि कांग्रेस ने सिख लीडरशिप न अपने ट्रैप फसाया जी सिख ज ने मोर ली पाकिस्तान न अपोज करन लर सी सिखा द 12 1 पर आबादी सी
और उ भी अपोज करना उस लेवल ते सी असी डिवाइड होगी सा कमटी सारा पंजाब पाकिस्तान द हिस्सा बन तो फिर उ अपनी साइको हिस्ट्री आ जांदी सी सा नाल की सलूक होएगा होर कोई सिचुएशन जा कोई ज रस्ता है ज गल बात राही मिस्टर जिना ना गल बात कर दे जा अंग्रेज
लो ऑफर ने उ सली लेे पांच छ सिख रियासत सन पटियाला नाबा जींद फरीदकोट कपूरथला कलसिया उन्न सेंटर बना के कोई ना कोई बारगेनिंग कीती जा सकदी सी जी लेकिन अनफॉर्चूनेटली साडी लीडरशिप समय द हान द नहीं सी नतीजा यही होया कि कांग्रेस ने सिखा न अगे करके
पंजाब न तक दिता है उस सिविल वर दे विच फिर जड़ जुलम असी दोना ही कौमा ने एक दूजे दे उते कीते इधर पूर्वी पंजाब उधर पश्चिमी पंजाब जी उन्ना द कोई जस्टिफिकेशन नहीं है व बीस्टली एक्ट सी जानना एक्ट सी जी वो बिल्कुल इतिहास दे उते काला तब और इसन जद
असी अपने पंजाबी द कवित्री अमृता प्रीतम जद उसन बयान कर द आज भी उन्हा द जद नजम दोनों पास बड़ी पॉपुलर है जद वारस शह न आधार बना के य क रोई सी ती पंजाब द जी तू लिख लिख मारे वन आज लखा िया रोया पया वारस शाह न कहन य
दर्द मंदा दे दर्द है उठ तक अपना पंजाब आज बेले लाशा विछिया ते ल द भरी चना सो व जड़ हालात सी चार च फेरे लाशा और ल द चुनाब और इधर सतलुज य कोई एक कारा पहला क नहीं होया और वडी गिनती दे विच उथ सिख और हिंदू उन्न
अपना घर बार छड के इधर होना पया इधर वडी गिनती विच मुसलमान जी जड़ सदिया तो पूर्वी पंजाब दुआबा होए अमृतसर होए उस द मिट्टी दे नाल जुड़े होए सी उन्न उधर जाना पया न उसन तो असी आंडू नहीं कर सकद जो एक वक्त
ने इस किसम द बना दिता है जी पर जाहर है जड़ी गल इने फाइनली कही है जावेद साहब ने जी के आज जड़ हालात ने हिंदुस्तान दे वि सिख और मुसलमान एक रेजीम दे थले पीड़ित ने जी कश्मीर दे विच एक लाख तो ज्यादा कश्मीरी मुसलमान मारे ने जो गुजरात
नरेंद्र मोदी ने कीता भारत भच मुसलमान जड़ ने व पूरी तरह ज उन्न इकोनॉमिकली थले सड़ दिता गया जी सिखा दे खिलाफ एक तो बाद एक नसल खुशी पंजाब आज ड्रग दे हवाले कर दिता एक पूरी नसल ढ़ लाख सिख मारते पिछले सारे साला दुश्मन एक है ज हिंदूत्व है और समझ
हैं कि अल्टीमेट सलूशन सिखा और मुसलमाना द भारत दे नक्श ईसाईया न भी शामिल कीता जाए दलित भी ट्राइबल भी एक सांझा फ्रंट ज के इस जुलमी राज का अंत करके साउथ एशिया दे विच यूरोपियन यूनियन दे मॉडल दे उते एक उस किसम द सिस्टम सर्जे जिथे के साडिया सांझा
कौमा दिया जी इंसानियत द और आपसी भाईचारा ज वो मजबूत होए सो असल जावेद साहब ा बहुत बहुत धन्यवाद तु सान लिख और असी आस कर हैं तुसी सा नाल बराबर राता रखोगे और अपनी लिखता ना सान नवाज रहो जी डॉक्टर साहब एक छोटा ब्रेक वर्स विचारा सिलसिला इस तर
जारी रहेगा मिलते एक छोटे ब्रेक तो बाद
source