वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह मैं तो होस्ट नीरम कौर मैं टीवी 84 दे सारे दर्शका निगा स्वागत करती प्रोग्राम सच सच रोजाना की तर ते सा हरमन प्यारे डॉक्टर अमरजीत सिंह मेरना बैठे हुए आ उने मिल शुरू कर जी ड साब वेलकम टू आवर शो थंक
य जी ड साब आज 29 जुलाई 2014 14 सावन नानकशाही समत 546 दिन है की आज मुद्दा डॉक्ट साहब आज कोई खास मुद्दा तो मैं नहीं डिस्कस करा आज सबतो पहला ईद द दिन जी ईद उल फितर जिन के दुनिया दे डेढ़ बिलियन तो ज्यादा मुसलमान एक बड़े मुकद्दस दिन तौर
ते आज मना रहेने दुनिया पा अपने मुसलमान भरावा पहना न मुबारकबाद द जी ते अपने सिख हलक ल मैं थोड़ी जही जानकारी जरूर देना चाह ईद उल फितर की है क्योंकि जद असी आज ऐसी दुनिया रह हैं जिथे स बिलियन तो ज्यादा लोग इस प्लेनेट तेने साडे गवांड
साडे समाज और अमरका द वैसे भीय खूबसूरती है कि दुनिया दे 200 तो ज्यादा देशा दे लोग ते सकड़ एथनी सिटी अड जया ने अस इठे रह हैं बच्चे बच्चियां साडे स्कूला च पढ़ ने साडे गुवा च ने सो य हमेशा जे असी चा हैं कि सिखा बारे दुनिया जाने असी कौन है
साडा धर्म की है असी दस्तार क्यों सजा हैं फिर साडा भी ये फर्ज बनदा है कि असी दूसर दे बारे जानिए बेशक उ दे विश्वास ने साडे विश्वास नहीं ने पर दूसर दे विश्वासा द कदर करना उन्न समझना उन्न म्यूचुअल रिस्पेक्ट देना ही जद गुरु साहब ने सान
खालक खलक खलक में खालक पूर र सब थाई द मैसेज दिता है जी गुरबाणी राही और दसव पातशाह ने मानस की जात सब एक पहचान बो कि सारी मनुख जाति न एक समझो इसका मतलब य सी य अड अड जुबाना होगया केतिया खानी केतिया बाणी केते पात नरें केती सुरती सेवक केते
नान नानक अंत नात गतना न किया फम ऑफ लाइफ ने किन्निया बाण लैंग्वेज न कने जी सो इस्लाम दे जलग सा 1400 साल पुराना मजहब है उस विच दो ईद ईदा जया ने व खास तौर ते सेलिब्रेट िया ज माहौल सेलिब्रेशन द हो है इन असी आम जबान दे विच बकरीद कह उसन
कुर्बानी द ईद भी कहने जद के बकरा जा ऊठ जा कोई भी होर एनिमल द जड़ ने वो दंद ने कुर्बानी जी उस बारे तो मैं अ जिकर नहीं करा ज कोई वो दिन आया है लेकिन आज ज दिन है वो ईद उल फितर द है ईदुल फितर और इस का
पछ कड़ ये है कि हजरत मोहम्मद साहब जिन्ना न जड़े के शुरू तो ही अपने बचपन तो बंदगी दे वल सन और उस वेले जिथे मक्के दे विच उन्होने निवास कीता उन्हा द जन्म हुया उथे भी इस किसम द ही बुत परस्ती सी पहला जिन असी पगन रिलीजन कहने हैं
जिव कि भारत दे विच उदों भी सी आज भी है काफी वडी अलग अलग बुता द पूजा है जी सो ज इस्लाम न मनन वा द विश्वास है कि जद व रब द बंदगी दे विच जिस ल शब्द अल्लाह इस्तेमाल होया कुरान दे विच उस दे विच
जुड़ दे सन ते व किते एकांत दे विच जा के किसे पहाड़ी दे उते ज मैं गलत ना होवा कि उस पहाड़ी द कुंदरा दे विच व जुड़े रह सन सो य जड़ इस्लाम द ज कैलेंडर है उस उस कैलेंडर द शुरुआत हिजरत तो ी है क्योंकि
मोहम्मद साहब न इलहाम ं है और फिर दूज द विरोध ं है तो व मक्का छड के मदीने जांदे ने अपने 4 दे करीब साथिया दे नाल पर उस तो पहला अपने उस एकांत वासते विच उन्न जया ने रब लो जिन इलहाम शब्द इस्तेमाल पंजाबी भी
कर हैं आया ते फारसी जा अरबी च होएगा कि जिव कोई किसे दे उते कोई रब्बी कर्म उसकी बिश जड़ी है व आंदी है और उन्ना उन्न ज बाद विच कुराने मजीद कुरान शरीफ बन है जी उस उसकी पहली आयत शुरू ी है और क्योंकि हजरत साहब कोई दुनियावी तौर ते
जिन असी एजुकेशन कह उ दे कोल नहीं सी पर जिन्न फिर र द जिते मेहर ी है उस दुनिया दे विच उसन गुरु साहब ने भी कि पढ़िया अन पढ़िया परम गत पावे सो इना द रोजिया द अहमियत इस है कि इस दिन इस महीने दे दौरान ज कि नौवा महीना
बाद हिजरी कैलेंडर बनया उस दिन न आधार बना के जद के हजरत साहब ने हिजरत कीती सी मक्के तो मदीने जी और इस महीने दे किसे दिन न कुरान कुराने मजीद द आयत उ दे उते उतरी और फिर व लगातार ता दे नाल उन्न अगले
कई समय दे विच अलग अलग इलहाम ंदा र जिस च इस्लाम द पवित्र पुस्तक कुराने मजीद निकली न कुराने मजीद दे विच जद के इस्लाम एस्टेब्लिश हो गया सी और उन्हा द हिजरी कैलेंडर एस्टेब्लिश हो गया सी इस दिन बारे एक विशेष हिदायत है जिदा मैं पंजाबी था
कीता है अरबी उ द कुरान द आयत कि हे लोको तोहा ते रोजे फर्ज कीते हन जिव के तोहा तो पहलिया उमत ते फर्ज कीते गए सन ता जो तोहा विच बुराइयां तो बचन द सिफत पैदा हो जावे सो ज रोजे रखना है इस नौवे महीने ये फर्ज
है मतलब है मस्ट मैंडेटरी इ चॉइस नहीं है हालांकि ज कोई बीमार है जा सफर दे विच है जा कोई बुजुर्ग औरत है जो व नहीं रख सकदा उद एक्सेप्शन है या उद च उन्न रियायत है पर हर मोमन दे उते बेशक वो मर्द है जा औरत
है य रोजे फर्ज कीते गए ने जा मस्ट कीते गए ने और इ सूरज चढ़ने तो पहला और सूरज डुब तो बाद य सारे दिन जड़ ने पहले दिन जिने भी रोजे े ने व उन्न पानी तक भी व नहीं पिे उसन रोज रखना सी वर्त कह हैं पर
मकसद य सी कि घटो घट साल च एक महीना ऐसा जि के हर मुसलमान रब द इबादत जुड़े खान पीन द उन फिकर ना होए वो अपनी नमाजा तो पंज पढ़ दे ही ने उस दे नाल जद शाम न व खोल दे ने जिन
इफ्तार कि जा है उस रोज खोलने शाम एक खास ज नमाज भी पढी जांदी है उ तरावी कने सो य ज रोजे मुकद ने तो ज अखीर रोज है उस द रात जद के चंद्रमा नजर आ है जी व रात फिर असल
दे विच ईद ईद उल फितर द रात ी है उस दिन व बहुत सारे ज बहु धर्मी ने सारी रात इबादत कर दे ने अगले दिन फिर नवे कपड़े पकवान सांझ और जड़ फाइनल नमाज है अगले दिन फिर किसे खुले अहाते दे विच पढ़ दे ने जिन
ईदगाह किहा जा है तुसी भारत दे सारे शहरा देखोगे भी इत ता मसीता िया ने जया मलिया भी िया ने थे पंज वक्त नमाज ल आंदे ने पर हर शहर दे विच खुली ईदगाह भी ी है जिस ईदगाह दे विच वो नमाज पढ़ दे ने और सारे
इकट्ठे होंदे ने सो ये भी एक जमात दा कांसेप्ट है कि सारे इकट्ठे होके रब द बंदगी जा उस नमाज राही जुड़ दे ने और इस और हर शहर दे विच ईदगाह इस गल सबूत भी ी है कि इथे कितनी वडी स्ट्रेंथ दे विच
मुसलमान भाईचारा रह जी और एक पाट ज इस ना जुड़ हुया होर भी काफी अहम है कि इस गल भी इस्लाम दे विच ख्याल रख गया टर्म ंद सदका ज सदका फितर कने सदका फितर य है कि फाइनल नमाज ली पढ़न जान तो पहला कुछ दान
देना मस्ट है ताक उन्न जि कोल पैसे नहीं ने ज कपड़े अफोर्ड नहीं कर सकते जिना दे कोल ज को चंगे खाने बनान द जा खान द नहीं है व उस तन दे नाल ज के सदका फितर है व भी ईद दिया खुशिया मना सक और असी समझ
कि अलग अलग राशि रखी है किने किनी दे जि कि कैपेसिटी है सो तु क सक हो ईद दे ना उते गरीबा न दान ज फाइनल नमा तो पहला ताक सारा भाईचारा शामिल होए सो य दिन ईद उल फितर द जिथे असी सारे मुसलमान भाईचारे न
मुबारकबाद द उथे असी अपने उ सिख भरावा द और सिख जथ बंदिया द भी सलागा करद हैं जिन्हा ने सहारनपुर दे विच जड़ी हिंसक वारदाता जया हु सचर न उस तो बाद क्योंकि आरएसएस की साजिश किव सिखा मुसलमाना न आपस फसाना सो उन्होने यतन कीता है कि व एक्स्ट्रा
इस ईद दिया कुशिया विच शामिल होन जी दल खालसा दे प्रमुख आगू अमृतसर द मुख मसीद दे विच गए और उ उन्होने उन्न तोहफे गिफ्ट और उसके नाल मुबारकबाद दती इसी तरह परमजीत सिंह सरना जड़ कि दिल्ली अकाली दल दे प्रधान ने पहला दिल्ली कमेटी दे प्रधान भी
रहे वो खास तौर ते जामा मस्जिद दिल्ली च गए सिख डेलिगेशन दे नाल और उन्हा ने उथे जड़ शाही इमाम सी उन्न मुबारकबाद दिया शुभकामना दतिया और शाही इमाम ने ज मीडिया दे नाल गल करद क्या जो कुछ सहारनपुर दे विच होया य ज इना द आरएसएस द
साजिश है और उन्हा ने इस दे ल ज कंडेम किता आरएसएस न और दोना फिरके न आपसी सांझ जड़ है व बनान द उने अपील कीती है सो असी आज दे इस विशेष दिन न होर भी अहम समझ हैं एक बड़ा जरूरी है कि असी पेश कदमी करिए
बेशाक के छोटे छोटे कदम ने पर जे आरएसएस न य लगदा है कि सिखा मुसलमाना का टकरा उन्हा दे हिंदू तवी एजें न ज वो लागू करन दे वि नेड़े लेन विच मददगार है तो फिर सान भी समझना चाहिदा है कि य साडा दोना कौमा द
आपसी अंडरस्टैंडिंग आपस दे विच ज मेल जोल है य ज सान आपस नेड़े ज लना है इस नाल दुश्मन द चाल भी फेल ी है और इंटेंट भी है और ज असी इस्लाम और सिी द रूहानी सांझ द गल करद तो मैं अक्सर अल्लामा इकबाल दे
कोर्ट न जद उन्हा ने गुरु नानक साहब न ट्रिब्यूट दती लामा इकबाल ने लंबी उ द नजम है ज के बांग दरा उ द किताब गुरु नानक साहब न संबोधन करके अखीर जो उने ज धरती है जिसन उने बुत कदा क्या बुत प्रस्ता का देश कि बुत कदा फिर बाद मुद्दत
के मगर रोशन हुआ नूर इब्राहिम से अजर का घर रोशन हुआ अह शूद्र के लिए हिंदुस्तान गम खाना है दर्दे इंसानी से इस द बस्ती का दिल बेगाना है फिर उठी आखिर सदा तौहीद की पंजाब से हिंद को एक मर्द कामल ने जगाया ख्वाब से ये गुरु नानक साहब ने ट्रिब्यूट
देती है कि भी नूरे इब्राहिम से अजर का घर रोशन हो ज अजर है व पिता सी इब्राहिम द इब्राहिम जिन इस्लाम हजरत इब्राहिम किहा जादा है यहूदी और ईसाई उन्न अब्राहम कह ने सो जद अल्लामा इकबाल गुरु नानक साहब ल देख दे ने तो उन्न गुरु नानक साहब च अब्राहिम
दा ज नों ही धर्मा द पैगंबर है उन्ना का नूर नजर आ है कि फिर जड़ उस अजर दे करर मेहता कालू दे करर गुरु नानक जड़ ने वो नूर बन के आए और ये धरती जिथे के शूद्र दे ल गम तो बिना कुछ नहीं सी इस धरती दे उते
गुरु नानक आए मर्दे कामिल उस निरंकार दे साजे हुए मर्द जिन्हा ने मर्द कामल ने जगाया ख्वाब से उन्हो ने इस सुते हुए देश न उस खवाब च ज है वो झोड़ के जगाया तो मैं समझता ये ट्रिब्यूट रूहानी सांझ गुरु नानक साहब दे नाल सफरा द साथी भाई मर्दाना होए
गुरु अर्जन साहिब ने साई मिया मीर सूफी फकीर न लाहौर तो सद हरिमंदिर साहिब द नी पत्थर रखन दे ल और फिर साडे इतिहास दे नबी खान गनी खान होन पीर बुद्धू शाह होए जिने अपने तिन बेटे और 500 तो दे करीब मुरीद जड़ ने वो शहीद करवाए पहली जंग दे विच
पंगानी दे जंग दे विच और अ तक भी य ज ठीक है कि विच चचका खास 1947 द पागलपन द दौर ज के वडी दूसरी साजिश है ज एक वखरा विषय उस फस गए दोनों ही कौमा फस और वही खेड जड़ी है आरएसएस न दोबारा खेड रही है साडी मैं
समझदा कि बुझ पुना होएगा कि जे असी इस गेम न ना देखिए इना दे जाल दे विच फस खामखा द नफरत लए औरन पता लग गया आज बड़े अंदरूनी स्रोता तो सहारनपुर तो इवन य दिल्ली अकाली दल ज जूरे बादल दल दे ने बादल तो आरएसएस
का जमूरा है ही है मनजीत सिंह जीके और मनजिंदर सिंह सरना सहारनपुर गए लोकल लीडर नाल अंदर इने बंद कमरा जड़ी है सिख लीडर दे नाल गल बात करके उन्न पड़का द यतन कीता है कि कांग्रेस का कम है ये दूजा आरएसएस क्यों पहला कह चुके ने कि य लोकल साडे
मुसलमाना द कोई पार्टिसिपेशन नहीं है बाहर लोक लेे गए और न य सामने आ र किव जिव नवंबर 84 ज भीड़ आई सी उन्हा दे कोल इको साइज दे सरिए सी ओ ज चिट्टा पाउडर सी एगजैक्टली ही चीज जया ने उस क्राउड दे कोल
भी सी और उन्हा दे विच भी जिव बहुत सारे नवंबर 84 वेले गरीब बस्तियां दे लोक दलित भाईचारे दे और दूसरे जड़ कोई इधर उधर ले आंदे सी जिन्ना न उन्हा ने पैसे दे के कि लुट द माल तोड इसे तरह जद व सिखा दिया दुकाना या दूजा उन्होने साड़िया बाच ने
लुट के वो ले गए ने सो इस सारी सिचुएशन दे मद्देनजर भी साडे मेन लगदा है कि जो चाल आरएसएस चल रही है व य जड़ ने अकाली बादल अकाली खास तौर ते उन्ना दे ही हथ ठोके बने होए ने सो जिथे सान आरएसएस वालि तो सिद्ध तौर ते
खबरदार होन द लोड़ है उथे इ तो भी बराबर खबरदार होन द लोड़ है क्योंकि एहो जही शकला सरता वालेया न ही उन्हा ने अगे करना है क्योंकि आरएसएस या बजरंग दल जा दूज ने अपने उ दे लोग खड़े कर ले ने नीले कपड़े
उन्न पवा देते ने उ दे केस दाड़े रखा होए ने उ एक ज बारबार कह र दोज ने हंग आ रहे ने पंजाब च असी मुसलमाना तो बदला लवांगे असी आ करागे असी व करंगे सो असी समझ हैं साडा मुसलमान भाईचारा भी अगे नालो सयाना
है जी लेकिन फिर भी कई वारी जड़ पड़का ी है धर्म दे ना ते मुसलमान भी जबाती ने अपने धर्म प्रति सिख भी हाईली इमोशनल अप्रोच ी है साडी सो उस इमोशन न ही साडा दुश्मन एक्सप्लोइट करना चाह है सो मैं समझदा आज द दिन सा दोना कमा ल टो घट
फ्यूचर साडा भ साडी डेस्टिनी साझी है भारत दे नक्शे दे विच और इस गल बारे सान बहुत अलर्ट हो लो है जी ड सा बहुत बहुत शुक्रिया इस ब्रेक व्य तो बने मिल कमर्शल ब्रेक बाद
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