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You are at:Home » CH – 5 | Preamble of the Constitution| M laxmikant Indian | Polity Lecture Series
Brotherhood

CH – 5 | Preamble of the Constitution| M laxmikant Indian | Polity Lecture Series

adminBy adminFebruary 27, 2024No Comments25 Mins Read
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फ्रेंड्स टू द इंडियन पॉलिटी लेक्चर सीरीज बेस्ड ऑन एम लक्ष्मीकांत सेवंथ लेटेस्ट एडिशन दिस वीडियो सीरीज इ प्रिपेयर्ड बाय माइसेल्फ एडवोकेट कुशल सवान इन दिस वीडियो वी आर गोइंग टू स्टडी व्हाट एगजैक्टली इज द प्रीमल ऑफ अवर इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन और एग्जाम पर्पस से यह चैप्टर बहुत इंपॉर्टेंट है चैप्टर नंबर फाइव ऑफ इंडियन

पॉलिटी सो व्हाट एगजैक्टली इज द प्रीमल ऑफ द कांस्टिट्यूशन द प्रीमल इज द ब्रीफ इंट्रोड री स्टेटमेंट ऑफ अवर कॉन्स्टिट्यूशन हमारे कांस्टिट्यूशन का एक इंट्रोडक्टरी स्टेटमेंट है द टर्म प्रीमल रेफर्स टू द प्रीफेस समरी एंड सेंस ऑफ अवर कांस्टिट्यूशन दिस प्रीमल कंटेंस द बेसिक फिलोसोफी एंड द फंडामेंटल वैल्यूज ऑन व्हिच अवर

कॉन्स्टिट्यूशन स्टैंड्स हमारे कॉन्स्टिट्यूशन की फिलोसोफी क्या है हमारे कॉन्स्टिट्यूशन के फंडामेंटल वैल्यूज क्या है यह हमें इस प्रिंबल से दिखाई देते हैं द प्रिंबल कंटेंस द ग्रैंड एंड नोबल विजन ऑफ द कंसीट असेंबली कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने हमें कांस्टिट्यूशन दिया है तो उस कांस्टीट्यूएंट असेंबली का विजन क्या

था हमारे इंडिया के प्रति उन्हें किस तरह का इंडिया एस्टेब्लिश करना है यह हमें इस प्रिंबल के थ्रू दिखाई देता है एन ए पालखी वाला हैज सेड दैट द प्रीमल ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन इज लाइक आइडेंटिटी कार्ड ठीक है हमारे कांस्टिट्यूशन का यह आइडेंटिटी कार्ड है जिसमें एक बेसिक

इंफॉर्मेशन दी जाती है किसी भी पर्सन की तो आइडेंटिटी कार्ड उसको दिया जाता है तो उसी तरह से हमारा कांस्टिट्यूशन का एक आइडेंटिटी कार्ड यह प्रिंबल डिनोट करता है नाउ द अमेरिकन कॉन्स्टिट्यूशन वास द फर्स्ट टू बिगिन विद द प्रीमल अमेरिकन कॉन्स्टिट्यूशन ने अपने कांस्टिट्यूशन को

एक प्रिंबल से शुरुआत की थी ठीक है सेम वही कांसेप्ट हमने बोरो की और हमारे कांस्टिट्यूशन की शुरुआत हमने प्रीमल से की है नाउ दिस प्रीमल व्हिच वी आर स्टडिंग इज बेस्ड ऑन द ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन ड्राफ्टेड एंड मूव्ड बाय पंडित नेहरू इन द कॉन्स्टिट्यूशन असेंबली और दिसंबर 13th

1946 हमने यह मेकिंग ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन में पढ़ा हुआ है कि जैसे ही कांस्टीट्यूट असेंबली की मीटिंग स्टार्ट होती है ठीक है तो पंडित नेहरू यह ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन मूव करते हैं कंसीट असेंबली के सामने ठीक है कि एगजैक्टली कॉन्स्टिट्यूशन को किस तरह से फ्रेम करना है हमारे ऑब्जेक्टिव्स

क्या है उसी ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन को बाद में कांस्टिट्यूशन बनने के बाद उसमें मॉडिफिकेशन करके हमने उसे एज अ प्रीमल हमारे कॉन्स्टिट्यूशन के साथ अडॉप्ट कर लिया नाउ व्हाट आर द इंग्रेडिएंट्स ऑफ द प्रीमल फर्स्ट सोर्स ऑफ अथॉरिटी ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन हमने ये कॉन्स्टिट्यूशन अडॉप्ट किया बट कांस्टिट्यूशन का अथॉरिटी

किसने दी वी द पीपल ऑफ इंडिया ने हमारे कांस्टिट्यूशन को अथॉरिटी दी है वो इस कॉन्स्टिट्यूशन को पावर देते हैं वह इस कांस्टिट्यूशन में बिलीव रखते हैं इसीलिए कांस्टिट्यूशन को फॉलो किया जाता है अगर लोग ही कांस्टिट्यूशन में बिलीव नहीं करेंगे तो फिर वह सिर्फ एक बुक है उसमें

जो भी प्रिंसिपल्स दिए जाते हैं उसका कोई वैल्यू नहीं रहेगा वी बिलीव इन दैट वैल्यू दैट इज व दोट वैल्यू हैज सम इंपॉर्टेंस अ अथॉरिटी ठीक है सो सोर्स ऑफ अथॉरिटी क्या है वी द पीपल ऑफ इंडिया हम इस कांस्टीट्यूशन के सोर्स ऑफ अथॉरिटी है हमने इसे अडॉप्ट किया है हम इसे फॉलो

करेंगे सेकंड नेचर ऑफ इंडियन स्टेट कि हमारा जो स्टेट है इंडिया उसे हम लोग किस तरह से कांस्टिट्यूशन करना चाहते हैं उसे हम लोग किस तरह से बनाना चाहते हैं ठीक है सो हमारा इंडिया कैसे रहेगा हमारा इंडिया सोवन सोशलिस्ट सेकुलर डेमोक्रेटिक एंड रिपब्लिक रहेगा दिस इज अवर नेचर ऑफ इंडियन

पॉलिटी ठीक है ये डिनोट करता है हमारे यहां का सिस्टम या हमारी गवर्नमेंट या हमारा कंट्री किस तरह से अ फॉर्म होने वाला है थर्डली ऑब्जेक्टिव्स क्या है हमारे कॉन्स्टिट्यूशन के ये कॉन्स्टिट्यूशन अडॉप्ट करने के पीछे हमारे ऑब्जेक्टिव्स क्या है सी टू सिक्योर टू ऑल सिटीजन हमारे सिटीजंस के लिए हमें सिक्योर

करना है क्या सिक्योर करना है जस्टिस लिबर्टी इक्वलिटी फ्रेटरनिटी यह चीजें हमें सिक्योर करनी है हमारे सिटीजंस के लिए दीज आर अवर ऑब्जेक्टिव्स बिहाइंड द एडॉप्शन ऑफ दिस कांस्टिट्यूशन एंड फोर्थली द डेट ऑफ एडॉप्शन किस दिन पर हमने कॉन्स्टिट्यूशन को अडॉप्ट किया तो इन अवर कंसेंट असेंबली

दिस 26th डे ऑफ नवंबर 1949 डू हियर बाय अडॉप्ट एनेक्ट एंड गिव आवर सेल्फ दिस कॉन्स्टिट्यूशन ठीक है सो नवंबर 26 1949 को हमने खुद को ही वी द पीपल ऑफ इंडिया हमने खुद को यह कॉन्स्टिट्यूशन दे दिया हम इस कॉन्स्टिट्यूशन को अडॉप्ट कर करते हैं सो दीज आर द इंग्रेडिएंट्स

व्हिच आर रिवील्ड इन अवर प्रीमल नाउ द क्वेश्चन अराइज इज दिस प्रीमल पार्ट ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन र नॉट क्या यह हमने कॉन्स्टिट्यूशन के पहले अगर प्रिंबल को रखा हुआ है तो क्या यह कांस्टिट्यूशन क्या यह प्रीमल हमारे कांस्टिट्यूशन का पार्ट बनता है कि नहीं

बनता है सो व्हेन एवर इस तरह के अगर जब क्वेश्चंस आते हैं कांस्टिट्यूशन रिलेटेड तो सुप्रीम कोर्ट स् स्टेप अप करता है और हमें उसके रिगार्डिंग क्लेरिटी देता है इन डिफरेंट डिफरेंट केसेस तो बीरूबारी यूनियन केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि दिस प्रीमल शोज द जनरल पर्पस यह कांस्टिट्यूशन

का पर्पस क्या है सिग्निफिकेंट है यह प्रीमल बहुत ही सिग्निफिकेंट है बट दिस प्रीमल इज नॉट पार्ट ऑफ द कांस्टिट्यूशन सो इन बीरूबारी केस सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा कि प्रीमल इज नॉट अ पार्ट ऑफ इंडियन कांस्टिट्यूशन बीरूबारी इ इ अ विलेज नियर बांग्लादेश एंड वेस्ट बंगाल बॉर्डर तो

उसके रिगार्डिंग एक डिस्प्यूट था तो उस डिस्प्यूट के रिगार्डिंग सुप्रीम कोर्ट ने यह कोट किया था जब यह उनके सामने क्वेश्चन पूछा गया कि प्रीमल हमारे कॉन्स्टिट्यूशन का पार्ट है या नहीं है सेकंड बाद में अगेन सुप्रीम कोर्ट ने अपना स्टैंड रिवर्स किया जब उनके सामने यह क्वेश्चन फिर से

दोबारा पूछा गया इन केशवानंद भारती केस 1973 द सुप्रीम कोर्ट रिजेक्टेड द अर्लिया पहले वाला जो ओपिनियन है दैट नॉट द पार्ट ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन उसे सुप्रीम कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया एंड हेल्ड दैट द प्रीमल इज पार्ट ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन नाउ दे टोल्ड दैट द प्रीमल इज पार्ट ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन

सिमिलरली सुप्रीम कोर्ट के सामने 1995 में एलआईसी केस में एक और बार यह क्वेश्चन पूछा गया अगेन फिर से कि यह प्रिंबल हमारे कांस्टिट्यूशन का पार्ट है या नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट ने इस बार इसे अ हमेशा के लिए लॉक कर दिया गया द प्रीमल इज नॉट जस्ट

अ पार्ट ऑफ इंडिया बट इट इज एन इंटीग्रल पार्ट ऑफ द कांस्टिट्यूशन इंटीग्रल का पार्ट का मतलब होता है अन डिवाइडेड पार्ट है अविभाज्य पार्ट है तो एक टिक नहीं उन्होंने यहां पर डबल टिक कर दिया कि नॉट जस्ट अ पार्ट बट अ इंटीग्रल पार्ट ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन तो ये क्वेश्चन अभी

अगर किसी ने पूछा कि भाई ये प्रीमल हमारे कॉन्स्टिट्यूशन का पार्ट है या नहीं है तो यस इट इज द पार्ट ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन इट इज अ इंटीग्रल पार्ट ऑफ़ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन एग्जाम्स में ये केस के बारे में हमेशा पूछते हैं मैच द फॉलोइंग में अलग-अलग स्टेटमेंट में रिवर्स करके कि बीरबार

यूनियन केस में क्या कहा केशवानंद भारती केस में क्या कहा एंड एलआईसी केस में क्या कहा बट हियर फ्रेंड्स टू थिंग्स आर टू बी नोटे दैट द प्रिंबल इज नाइ दर द सोर्स ऑफ पावर टू लेजिसलेट नॉर इट प्रोहिबिट्स अपॉन द पावर ऑफ लेजिसलेच्योर होंगे तो कॉन्स्टिट्यूशन को सामने रखकर या

कॉन्स्टिट्यूशन के प्रोविजन के अकॉर्डिंग आप लोग लॉज फॉर्म करोगे ठीक है और व्हाट एवर पावर्स एंड फंक्शन आर गिवन टू यू दोज आर नमेटे इन द कॉन्स्टिट्यूशन प्रिंबल एक जस्ट इंट्रोडक्टरी स्टेटमेंट है हमारे कांस्टिट्यूशन का उसका इस्तेमाल आप लोग लॉ मेकिंग में नहीं करोगे दस द प्रीमल इज नॉन

जस्टिसिएबल दैट इज इट्स प्रोविजन आर नॉट एनफोर्सेबल इन द कोर्ट ऑफ लॉ तो जो भी अचीव करना है या इंडिया को किस तरह से बनाना है यह प्रिंबल में दिया गया है इट इज जस्ट अ फंडामेंटल वैल्यूज एंड फिलोसोफी ठीक है बट वह इंप्लीमेंट नहीं किया गया यह आप लोग

कोर्ट में आके नहीं कह सकते वह जो फंडामेंटल राइट्स होते हैं वही सिर्फ कोर्ट में एनफोर्सेबल होते हैं नॉट द प्रीमल ठीक है सो जस्ट लाइक अ डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसीज दिस प्रीमल इज आल्सो नॉन जस्टिसिएबल सेकंड क्वेश्चन अराइजेज क्या हम लोग इस प्रिंबल में चेंजेज कर सकते हैं इज द

प्रीमल ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडेबल ठीक है हमने कॉन्स्टिट्यूशन को अडॉप्ट किया ऑन नवंबर 26 1949 सिंस देन क्या इस प्रिंबल में बाद में चेंजेज किए जा सकते हैं तो अगेन इसके रिगार्डिंग क्वेश्चन जाता है सुप्रीम कोर्ट के पास सो बीरूबारी यूनियन केस में हमने देखा था कि

वहां पर सुप्रीम कोर्ट ने कोट किया दैट द कांस्टिट्यूशन इज नॉट द प्रीमल इज नॉट अ पार्ट ऑफ द कांस्टिट्यूशन अगर प्रीमल कांस्टिट्यूशन का पार्ट नहीं है तो उसे आप लोग कांस्टिट्यूशन की तरह चेंज नहीं कर सकते अंडर आर्टिकल 368 68 में दिया गया है द प्रोसीजर एंड पावर टू अमेंड द कांस्टिट्यूशन

सो दैट प्रोसीजर एंड पावर इज नॉट एप्लीकेबल टू द प्रीमल एज द प्रीमल इज नॉट अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन यह बीरूबारी यूनियन केस में कहा बट वी ऑल नो कि बीरूबारी यूनियन केस का जो डिसीजन है सुप्रीम कोर्ट ने बाद में रिवर्स कर लिया था और केशवानंद भारती केस में कहा कि नाउ

द प्रीमल इज अ पार्ट ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन फिर अभी अगर प्रीमल कॉन्स्टिट्यूशन का पार्ट है तो प्रिंबल को उसी सी तरह से अमेंड किया जा सकता है जैसे कांस्टिट्यूशन को किया जा सकता है सब्जेक्टेड टू आप लोग उसका बेसिक फीचर डिस्ट्रॉय नहीं करोगे बेसिक सेंस आप लोग डिस्ट्रॉय नहीं करोगे

तो केशवानंद भारती केस में यहां पर क्लियर हो गया कि जो प्रीमल है यह कांस्टिट्यूशन का पार्ट है तो आप लोग उसे कांस्टिट्यूशन की तरह अमेंड कर सकते हो दस द प्रीमल हैज अमेंडेड ओनली वंस उसके बाद प्रिंबल को एक बार अमेंड किया गया एक ही बार किया गया 18 दिसंबर

1976 बाय द 42 कांस्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट थ्री न्यू वर्ड्स वेर एडेड टू द प्रीमल सोशलिस्ट सेकुलर इंटीग्रिटी एंड दिस अमेंडमेंट वास हेल्ड वैलिड बाय द सुप्रीम कोर्ट ठीक है सो फ्रेंड्स यहां पर आप लोग देख सकते हैं थ्री न्यू वर्ड्स सोशलिस्ट सेकुलर एंड हियर बिलो

इंटीग्रिटी ठीक है तो ये जो तीन वर्ड्स है ये बाद में ऐड किए गए थे थे बाय 42 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट ओके सो आज जो हम लोग आज जो हम लोग प्रिंबल देख रहे हैं ये ओरिजनली ऐसा नहीं था इसमें ये तीन वर्ड्स न्यूली ऐड किए गए थे 76 में ठीक है

सो एक ही बार अमेंडमेंट किया गया है इसमें और यह जो आज का जो अभी प्रिंबल आप लोग देख रहे हैं दिस इज द फाइनल प्रिंबल नाउ फ्रेंड्स लेट अस अंडरस्टैंड ऑल दिस की वर्ड्स ऑफ द प्रीमल स्टार्टिंग विद द नेचर ऑफ इंडियन स्टेट सो फर्स्ट वी

द पीपल ऑफ इंडिया इसका मतलब क्या बनता है ठीक है सो दिस डिनोट्स दैट द कांस्टिट्यूशन इज मेड बाय एंड फॉर द इंडियन पीपल इस कॉन्स्टिट्यूशन को इंडियन पीपल ने बनाया और खुद के लिए बनाया ठीक है फॉर द पीपल इट एमफसा इजस द कांसेप्ट ऑफ पॉपुलर सोटी पॉपुलर सोटी यानी लोगों का

राज रहेगा इस इंडिया पर ठीक है द पीपल विल रूल ओवर देम सेल्फ एंड ऑल द पावर इज डिराइवर रिस्पांसिबल टू द पीपल सो व्हाट इज द नेचर ऑफ इंडियन स्टेट दैट इट इज सॉवरेन सोशलिस्ट सेकुलर डेमोक्रेटिक एंड रिपब्लिक यह इस वी द पीपल ऑफ इंडिया को

एक्सप्लेन करता है ठीक है सो एक-एक करके इस नेचर ऑफ इंडियन स्टेट में दिए हुए वर्ड्स को समझते हैं अंडरस्टैंड करते हैं सो द फर्स्ट वर्ड इज सोवन दिस इज डिराइवर सुपर एंड रेगन सुपर मींस अबो रेगन मींस रूल शिप सो द सॉवरेन मींस वन हु इज अबोव

रूल शिप एंड नॉट अंडर एनी कंट्रोल सो बिफोर इंडिपेंडेंस जैसे इंडिया इंडिया के ऊपर कंट्रोल था ब्रिटिशर्स का सो आफ्टर इंडिपेंडेंस अभी हमने हमारे हमारा कंट्रोल हमारे हाथ में ले लिया ठीक है वी आर नॉट अंडर एनीबडी कंट्रोल वी विल रूल ओवर दिस कंट्री द पीपल ऑफ इंडिया विल

रूल ओवर दिस कंट्री वी आर द हाईएस्ट रूल शिप वी आर द हाईएस्ट डिसीजन मेकर्स फॉर आवर कंट्री सो इंडिया इज नाइ दर डिपेंडेंसी नॉर डोमिनियन ऑफ एनी अदर नेशन बट एन इंडिपेंडेंट स्टेट इंडिया कैन एक्वायर द फॉरेन टेरिटरी और सीड अ पार्ट ऑफ इट्स टेरिटरी इन द फॉरेन स्टेट किसी की

भी जो फॉरेन टेरिटरी हो सकती है वो इंडिया उसे एक्वायर करेगा और चाहे तो अपनी टेरिटरी किसी और को दे देगा सो इंडिया इज एक्सटर्नली एंड इंटरनली सोवन फ्री फ्रॉम द कंट्रोल ऑफ एनी फॉरेन पावर नाउ सो वी कॉल आवर सेल्फ एज अो तो अगर हम लोग किसी ऑर्गेनाइजेशन का

इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन के अगर मेंबर बनते हैं और किसी की लीडरशिप अगर वहां पर उतने प्लेटफॉर्म के लिए अगर एक्सेप्ट करते जैसे कॉमन वेल्थ नेशन हो गया ठीक है या फिर यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन हो गया ठीक है हम लोग बाइंडिंग है थ्रू फॉर कोऑपरेशन ठीक है इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी

अगर कोई हमारे ऊपर कोई ट्रीटी या कन्वेंशन जो होगी हम लोग उसको साइन करेंगे तो हमारे र बाइंडिंग ही हो जाएगा आउट ऑफ कोऑपरेशन वीी आर साइनिंग द ट्रीटी आउट ऑफ कोऑपरेशन वी आर अग्री विद दोस टर्म्स ठीक है फॉर द बेटरमेंट फॉर द इंटरनेशनल पीस एंड सिक्योरिटी ऑन कोऑपरेशन ठीक है इंटरनेशनल

किसी भी ऑर्गेनाइजेशन का अगर इंडिया पार्ट बनता है तो उस ऑर्गेनाइजेशन का इंडिया के ऊपर कोई लिमिटेशंस नहीं है वी आर द सोवन पीपल फ्री टू डिसाइड फॉर आवर सेल्फ सेकंड वी डिक्लेयर इंडिया एज अ सोशलिस्ट कंट्री अब सोशलिस्ट कंट्री का मतलब क्या होता है व्हाट इज एगजैक्टली सोशलिज्म तो सोशलिज्म

इज अ पॉलिटिकल आइडिया दैट इज बेस्ड ऑन अ बिलीफ दैट द पीपल ऑल द पीपल आर इक्वल एंड द मनी एंड प्रॉपर्टी शुड बी इक्वली डिवाइडेड ठीक है तो सारे जो कंट्री के रिसोर्सेस है प्रॉपर्टी है वेल्थ है ये सब लोगों में इक्वली डिस्ट्रीब्यूटर लोग इक्वल होने चाहिए यह आइडिया यानी सोशलिज्म

का आईडिया होता है नाउ दिस वर्ड सोशलिज्म वाज एडेड टू ववर प्रिंबल बाय 42 अमेंडमेंट 1973 तीन वर्ड्स में से ये एक वर्ड था जो एक्स्ट्रा ऐड किया गया था ठीक है अब इंडिया को अगर प्रिंबल में अगर ये वर्ड बाद में ऐड किया गया इसका मतलब यह नहीं कि

इंडिया कोई सोशलिज्म जैसी कोई बात थी नहीं कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर ठीक है सो इन द कॉन्स्टिट्यूशन जो हमारे डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसी है ये ज्यादातर सोशलिस्ट गाइडलाइन प्रोवाइड करते हैं यानी दो वी यूज द वर्ड सोशलिज्म इन द लेटर पार्ट ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन यानी कि प्रीमल

में बाद में हमने इसे इंप्लीमेंट किया हुआ है अ यूज में लिया गया ठीक है बट सोशलिज्म ये प्रिंसिपल हमारे कॉन्स्टिट्यूशन में राइट फ्रॉम द बिगिनिंग पहले से ही डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स में दिखाई देता है ठीक है बट इंडियन ब्रांड जो है सोशलिज्म का या इंडियन फिलोसोफी है जो सोशलिज्म की

यह डेमोक्रेटिक सोशलिज्म है एंड नॉट द कम्युनिस्टिक सोशलिज्म ठीक है जो रशिया में इवॉल्व हुआ था वह कम्युनिस्टिक सोशलिज्म था जो हमारा सोशलिज्म है यह डेमोक्रेटिक सोशलिज्म है अब नाउ व्हाट एगजैक्टली इज़ द कम्युनिस्टिक सोशलिज्म कम्युनिस्टिक सोशलिज्म इंस नेशनलाइजेशन ऑफ़ ऑल मींस ऑफ़ प्रोडक्शन एंड डिस्ट्रीब्यूशन एंड अबोलिशन ऑफ़ प्राइवेट

प्रॉपर्टी कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं रहेगी जो भी प्रोडक्शन रहेगा जो भी डिस्ट्रीब्यूशन रहेगा यह सब कुछ गवर्नमेंट डिसाइड करेगी सारे इंडस्ट्रीज का नेशनलाइजेशन किया जाएगा इट विल बी अंडर द कंट्रोल ऑफ गवर्नमेंट दैट इज कम्युनिस्टिक सोशलिज्म बट ऑन द अदर हैंड इंडियन यानी कि डेमोक्रेटिक सोश सोशलिज्म

इज टाइप ऑफ मिक्स्ड इकोनॉमी वेयर बोथ पब्लिक एंड प्राइवेट सेक्टर कोएक्जिस्ट साइड बाय साइड ठीक है हमारे यहां पर नेशनलाइजेशन भी है और प्राइवेटाइजेशन भी है दोनों हम लोग फॉलो करते हैं जैसे फॉर एग्जांपल बैंक्स की हम लोग बात करेंगे सो वी हैव गवर्नमेंट बैंक्स भी है और

प्राइवेट बैंक्स भी है पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बात करेंगे तो हर एक अपना अपना स्टेट का अपना स्टेट ट्रांसपोर्ट होता है ठीक है सिमिलरली प्राइवेट ट्रांसपोर्ट भी हमारा चलता ही है सो पब्लिक सेक्टर एंड प्राइवेट सेक्टर दोनों है हमारे कंट्री में बिलोंग करते हैं साइड बाय साइड सो अवर टाइप ऑफ

सोशलिज्म इज अ ब्लेंड ऑफ मार्क्सिज्म एंड हेली टुवर्ड्स द गांधियन सोशलिज्म बट यह जो सोशलिज्म वाली थिंकिंग है यह न्यू इकोनॉमिक पॉलिसी 1991 के बाद जो हमने लिबरलाइजेशन प्राइवेटाइजेशन एंड ग्लोबलाइजेशन अडॉप्ट किया हमारे इकोनॉमी में तब से यह जो इंडियन कांसेप्ट ऑफ सोशलिज्म है यह थोड़ा बहुत डाइल्यूट हो

चुका है क्योंकि आफ्टर 1991 हमने ज्यादातर प्राइवेटाइजेशन एंड ग्लोबलाइजेशन एंड लिबरलाइजेशन के ऊपर फोकस किया है कि ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट मेंबर्स अ जो इंडस्ट्रीज और वो है उसके अंदर आ सकते हैं द थर्ड वर्ड इज सेकुलर ठीक है यह भी बाद में ऐड किया गया वर्ड है बाय 42 अमेंडमेंट एक्ट

1976 व्हाट डज सेकुलर मींस सेकुलर मींस नो डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट एनीबडी इन द नेम ऑफ रिलीजन रिलीजन के नाम पर किसी के साथ भी डिस्क्रिमिनेट नहीं किया जाएगा द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया स्टैंड्स फॉर द सेकुलर स्टेट दैट मींस इंडिया डज नॉट हैव एनी पर्टिकुलर रिलीजन देयर इज नो ऑफिशियल

रिलीजन डिक्लेयर्ड बाय इंडिया कि इंडिया जो है यह सो एंड सो रिलीजन का स्टेट है हिंदुइज्म है जैनिज्म है बुद्धिज्म है इस्लाम है सिक्किम है क्रिश्चियनिटी है वीी हैव नॉट अडॉप्टेड एनी ऑफिशियल रिलीजन और डिक्लेयर्ड एनी ऑफिशियल रिलीजन आवर प्रिंबल आल्सो गिव्स ऑल सिटीजन द लिबर्टी

ऑफ बिलीफ फेथ एंड वरशिप हर एक सिटीजन को अपने-अपने बिलीफ फेथ और वरशिप के हिसाब से उसे आजादी या लिबर्टी दी हुई है अब ये सेक्युलरिज्म सिर्फ हम लोग डिक्लेयर नहीं करते प्रीमल के थ्रू हमारे कॉन्स्टिट्यूशन में कई सारे प्रोविजंस हैं जो इंडिया एज अ सेकुलर है यह बताते हैं जैसे राइट टू

इक्वलिटी हो गया 14 टू 16 राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजियस फ्रीडम ऑफ रिलीजन 25 टू 28 कल्चरल एंड एजुकेशनल राइट्स 29 एंड 30 एंड यूनिफॉर्म सिविल कोड आर्टिकल 44 ठीक है सो दीज आर द आर्टिकल्स व्हिच आर रिलेटेड टू द सेकुलरिज्म इन द कॉन्स्टिट्यूशन और प्रीमल

में सिर्फ हमने बाद में उसे ऐड करके डिक्लेयर कर दिया सो बेस्ड ऑन द नेचर ऑफ स्टेट रिलीजियस नेचर क्या है है उसके ऊपर के तीन अलग-अलग टाइप्स होते हैं एथ एथिस्टरॉन है यानी कि जो रिलीजन डिक्लेयर करता है और उसका रिलीजस इंटरफेरेंस भी होता है गवर्नमेंट की पॉलिसीज एंड लॉ मेकिंग में

ठीक है एक रिलीजन को डिक्लेयर करते हैं ठीक है दैट इज थियोक्रेटिक स्टेट और दूसरे होते और थर्ड होते हैं सेकुलर स्टेट यानी कि जो न्यूट्रल होते हैं टुवर्ड्स ऑल रिलीजन ठीक है सो इंडिया बिलोंग टू द थर्ड टाइप ठीक है जो न्यूट्रल है टुवर्ड्स द ऑल

रिलीजन इंडिया एंड यूएसए यह एक एग्जांपल्स है द फोर्थ इंपोर्टेंट वर्ड इज डेमोक्रेटिक सो दिस इज डिरा फ्रॉम द ग्रीक वर्ड डेमस मींस पीपल एंड क्रेटोस मींस पावर तो सुप्रीम पावर बाय द पीपल ओके सो डेमोक्रेसी इज ऑफ टू टाइप्स डायरेक्ट एंड इनडायरेक्ट इनडायरेक्ट इज आल्सो कॉल्ड एज रिप्रेजेंटेटिव डेमोक्रेसी दिस रिप्रेजेंटेटिव डेमोक्रेसी

इज अगेन ऑफ टू काइंड पार्लियामेंट्री एंड प्रेसिडेंशियल सो हियर इंडिया हैज अडॉप्टेड द पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ डेमोक्रेसी ठीक है सो इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन प्रोवाइड्स फॉर रिप्रेजेंटेटिव पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी अंडर व्हिच द एग्जीक्यूटिव इज रिस्पांसिबल टू द लेजिसलेशंस िव टाइप ऑफ डेमोक्रेसी अडॉप्ट कि है ना व्हाट ए इज रिप्रेजेंटेटिव पार्लियामेंट

टाइप ऑफ डेमोक्रेसी यह मैंने चैप्टर 13 में डिटेल में एक्सप्लेन किया हुआ है तो वो वीडियो आप लोग देख सकते हो नाउ यह हम लोग कैसे डिराइवर करें कि हम लोग पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी अडॉप्ट की है तो हमारे कॉन्स्टिट्यूशन के नंबर ऑफ फीचर ये डिनोट करते हैं दैट वी हैव अडॉप्टेड द

पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी लाइक यूनिवर्सल अडल्ट फ्रेंचाइजी अ पीरियोडिक इलेक्शन रूल ऑफ लॉ इंडिपेंडेंस ऑफ जुडिशरी एब्सेंट ऑफ एनी डिस्क्रिमिनेशन ठीक है दीज आर दीज आर सम डेमोक्रेटिक कैरेक्टरिस्टिक कैरेक्टर्स ऑफ द इंडियन पॉलिटी सो इंडिया क्या है डेमोक्रेटिक कंट्री है नाउ द फिफ्थ वर्ड इज रिपब्लिक सो द डेमोक्रेटिक पॉलिटी कैन बी

क्लासिफाइड इनटू टू कैटेगरी मोनार्की एंड रिपब्लिक कोई भी कंट्री अगर डेमोक्रेटिक है तो उसे और क्लासिफाई किया जा सकता है इदर वह मोनार्क है मोनार्की है या वो रिपब्लिक है मोनार्क यानी क्या होता है द हेड ऑफ द स्टेट इज हेरिडिटी पोजीशन एगजाम ब्रिटेन ब्रिटेन इज अ डेमोक्रेटिक कंट्री

बट वहां पर मोनार्की भी है व्हाई क्योंकि वहां पर जो हेड ऑफ द स्टेट है यानी कि जो किंग है वहां का क्राउन हम लोग जिसे कहते हैं दैट इज अ रिटरी पोजीशन ठीक है नॉट ओपन टू ऑल ऑन द अदर हैंड अ डेमोक्रेटिक पॉलिटी

इज कॉल्ड एज रिपब्लिक व्हेन द हेड ऑफ द स्टेट इज ऑलवेज इलेक्टेड डायरेक्टली और इनडायरेक्टली फॉर द फिक्स टर्म जो हेड ऑफ द स्टेट है कंट्री के जो हेड होते हैं वह डायरेक्टली या इनडायरेक्टली अमंग द पी पीपल इलेक्ट होते हैं यानी कि वो कोई भी

बन सकता है ठीक है वो डडी पोजीशन नहीं है फॉर एग्जांपल यूएसए एंड इंडिया सो इन इंडिया द प्रेसिडेंट इज द हेड ऑफ इंडिया ठीक है इलेक्टेड हेड ऑफ इंडिया इसके अलावा अ रिपब्लिक आल्सो मींस टू मोर थिंग्स दैट अ रिपब्लिक वेस्टिंग द पॉलिटिकल सोटी इन द

पीपल जो पॉलिटिकल सोव निटी है यानी जो हाईएस्ट डिसीजन मेकर्स है इन इंडिया में ठीक है दोज आर द पीपल ठीक है लोग सबसे हाईएस्ट है पॉलिटिक्स को जो कंट्रोल करता है वह लोग है जो कंट्रोल करते हैं ठीक है एंड एब्सेंट ऑफ एनी प्रिविलेजेस क्लास एंड

हेंस ऑल पब्लिक ऑफिसेज बीइंग ओपन टू एवरी सिटीजन विदाउट एनी डिस्क्रिमिनेशन आप लोग प्राइम मिनिस्टर बनो आप गवर्नर बनो आप लोग प्रेसिडेंट बनो ठीक है कोई भी मिनिस्टर बन सकते हो कोई भी पब्लिक ऑफिस आप लोग होल्ड कर सकते हो सारे पब्लिक के लिए ये इंपॉर्टेंट है कोई यहां पर प्रिविलेजेस

किसी को नहीं दिए जाते दैट मेक्स इंडिया अ डेमोक्रेटिक एज वेल एज रिपब्लिक सो द सिक्स्थ वर्ड हियर इज जस्टिस वी हैव टू सिक्योर टू ऑल द सिटीजंस जस्टिस न्याय हमें सिक्योर करना है किस बात का सोशल इकोनॉमिकल एंड पॉलिटिकल जस्टिस हमें सिक्योर करना है सोशल जस्टिस में क्या आता

है दैट अ इक्वल ट्रीटमेंट शुड बी देयर विदाउट एनी डिस्टिंक्शन और डिस्क्रिमिनेशन बेस्ड ऑन कास्ट कलर रेस रिलीजन एंड सेक्स एंड सो ऑन अमंग द पीपल देन वी हैव टू सिक्योर द इकोनॉमिक जस्टिस दैट मींस नो डिस्क्रिमिनेशन ऑन द बेसिस ऑफ इकोनॉमिक फैक्टर एंप्लॉयमेंट हो या फिर रिसोर्सेस पे

कंट्रोल इस पे हर किसी का कंट्रोल रहेगा किसी के साथ भी इकोनॉमिक इंजस्टिस नहीं किया जाएगा पॉलिटिकल जस्टिस इंप्लाइज दैट ऑल सिटीजन शुड हैव इक्वल पॉलिटिकल राइट्स एंड इक्वल एक्सेस टू ऑल पॉलिटिकल ऑफिसेसूट द गवर्नमेंट एवरी पर्सन हैज अ राइट टू कंटेस्ट इन द इलेक्शन और राइट टू वोट इन द

इलेक्शन ठीक है हर किसी को राइट होता है वह नेता बने या फिर अपने हिसाब से अपनी गवर्नमेंट चूज करें यह हो गया पॉलिटिकल जस्टिस विदाउट एनी डिस्क्रिमिनेशन हर किसी को सोशल इकोनॉमिकल पॉलिटिकल जस्टिस सिक्योर किया गया है नाउ दिस आइडियल ऑफ जस्टिस आर टेकन और वी हम लोग यह कह सकते

हैं कि वी आर इंस्पायर्ड फ्रॉम रशियन रिवोल्यूशन 1917 द सेवंथ इंपोर्टेंट वर्ड इज लिबर्टी लिबर्टी मींस आजादी ठीक है सो द टर्म लिबर्टी मींस एब्सेंट ऑफ रिस्ट्रेन ऑन द एक्टिविटी ऑफ द इंडिविजुअल यानी किसी पर्सन को अगर कोई एक्टिविटी करनी है तो उसे रोका नहीं जा सकता ठीक है अनलेस एंड

अंट्स एनी लॉ ठीक है किसी और को तकलीफ नहीं देनी आपके एक्शन से बट आप जो मर्जी चाहे अपने हिसाब से बिहेव कर सकते हो एक्टिविटीज आप लोग कर सकते हो नाउ एट द सेम टाइम प्रोवाइड अपॉर्चुनिटी फॉर द डेवलपमेंट ऑफ इंडिविजुअल पर्सनालिटी अब ये इंपॉर्टेंट क्यों है सामने वाले को

लिबर्टी देना या आजादी देना ये इंपॉर्टेंट क होता है ताकि वह खुद को डेवलप कर सके एक इंडिविजुअल अलग से पर्सनालिटी में यह ना हो कि सिर्फ उसे कोई पर्सन गाइड करेगा और वह रोबोट की तरह काम करे नो ही हैज बीन गिवन द लिबर्टी ऑफ थॉट एक्सप्रेशन फेथ

बिलीफ एंड वरशिप ताकि वह खुद को समझ सके खुद के हिसाब से एक इंडिविजुअल पर्सनालिटी डेवलप कर सके समाज में यह फ्रीडम दिया गया है यह लिबर्टी दी गई है यह आपको रो के नहीं रखेगा कोई भी चीज अगर आपको करनी है तो ठीक है जो इंडिया में पहले से होता था

अ अलग-अलग इंडिया के सिस्टम थे ठीक है जिसमें लिबर्टी जो थी एक बहुत ही कम तरीके से लिबर्टी एंजॉय कर पाते थे लोग ठीक है बट इस बार आफ्टर कॉन्स्टिट्यूशन इंडिया हैज अडॉप्टेड द लिबर्टी जो सारे ऑल सिटीजंस को ये सिक्योर करता है थ्रू कॉन्स्टिट्यूशन नाउ लिबर्टी हैज बीन

सिक्योर्ड इन द फंडामेंटल राइट ठीक है एंड व्हिच इज एनफोर्सेबल इन द कोर्ट ऑफ लॉ इन केस ऑफ वायलेशन अगर आपके लिबर्टी वायलेट होती है तो ये आपका फंडामेंटल राइट वायलेट हुआ है ऐसा समझा जाएगा और जुडिशरी आपको ये एनफोर्स करके देगा इन केस इट इज वायलेट नाउ इक्वलिटी इक्वलिटी द टर्म मींस

एब्सेंट ऑफ प्रिविलेज एनी स्पेशल प्रिविलेज टू एनी सेक्शन ऑफ सोसाइटी एंड प्रोविजंस फॉर एडिक्ट अपॉर्चुनिटी टू ऑल इंडिविजुअल विदाउट डिस्क्रिमिनेशन इक्वलिटी हमें सिक्योर की गई है दो टर्म्स में इक्वलिटी बिफोर लॉ एंड इक्वल प्रोटेक्शन ऑफ लॉ इक्वलिटी बिफोर लॉ का मतलब होता है किसी भी पर्सन को कोई एक्स्ट्रा प्रिविलेजेस नहीं

मिलेंगे एवरीवन इज इक्वल इन द आइज ऑफ लॉ और इक्वल प्रोटेक्शन ऑफ लॉ का मतलब होता है कि अ टशन के थ्रू सिक्योर किया जाएगा जिस किसी भी पर्सन को अपॉर्चुनिटी नहीं मिली है तो लॉ के थ्रू उस पर्सन को अपॉर्चुनिटी दी जाएगी ताकि वह खुद को

इक्वलिटी तक लेके आए सो प्रीमल सिक्योर्स ऑल सिटीजन द इक्वलिटी ऑफ स्टेटस एंड अपॉर्चुनिटी इसमें अगेन सिविल पॉलिटिकल एंड इकोनॉमिकल इक्वलिटी की बात की जाती है सिविल इक्वलिटी अगर हम लोग देखेंगे तो कांस्टिट्यूशन में 14 टू 18 आर्टिकल्स जो है फंडामेंटल राइट उसमें सिक्योर किया गया है पॉलिटिकल इक्वलिटी मींस राइट टू

कंटेस्ट आर्टिकल 350 325 में यानी किसी पर्सन के ऊपर कोई किसी तरह की डिसेबिलिटी नहीं होगी आप लोग फ्रीली पॉलिटिकल पॉलिटिक्स में पार्टिसिपेट ले सकते हो कंटेस्ट कर सकते हो देन राइट टू वोट अंडर आर्टिकल 326 यानी आप अपने पसंदी दार कैंडिडेट को या अपने पसंदी दार पॉलिटिक

पार्टी को या प्राइम मिनिस्टर इस जो पर्सन आपको रिप्रेजेंट करना चाहे उस पर्सन को आप लोग वोट कर सकते हो देन इकोनॉमिकल इक्वलिटी इज गिवन अंडर आर्टिकल 30 9 ऑफ डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसी व्हिच टॉक्स अबाउट सिक्योर्स एंड मेन एंड वूमेन राइट इक्वल राइट टू एडिक्ट मींस ऑफ

लाइवलीहुड एंड इक्वल पे फॉर इक्वल वर्क ओके नाउ दिस आइडियल ऑफ इक्वलिटी लिबर्टी एंड फ्रेटरनिटी आर इंस्पायर्ड फ्रॉम द फ्रेंच रिवोल्यूशन ठीक है फ्रेंच रिवोल्यूशन से हमने ये इंस्पायर होकर हमारे कॉन्स्टिट्यूशन में इस तरह के आइडियल अडॉप्ट किए हुए हैं लास्टली द फ्रेटरनिटी यानी कि ब्रदरहुड यानी कि

भाईचारा ठीक है सो कांस्टिट्यूशन प्रमोट्स द फीलिंग ऑफ फ्रेटरनिटी बाय द सिस्टम ऑफ सिंगल सिटीजनशिप यहां पर कोई गुजराती मारवाड़ी या मराठी या हरियाणवी या पंजाबी नहीं है एवरी पर्सन वह लैंग्वेज बेसिस पे हो सकता है या फिर वो स्टेट वाइज हो सकता है बट एज अ इंडियन सारे लोग लॉ के

सामने एक ही है कांस्टिट्यूशन उन्हें एक ही तरह आइडेंटिफिकेशन सिटीजन ऑफ एनी अ स्टेट और सिटीजन ऑफ एनी एरियाज ठीक है सो अ लैंग्वेज ये अलग-अलग डाइवर्सिटी हो सकती है बट एज अ इंडियन ऑल आर वन आल्सो द फंडामेंटल ड्यूटी आर्टिकल 51 ए में सिक्योर किया गया है दैट इट इज अ

ड्यूटी ऑफ एवरी सिटीजन ऑफ इंडिया टू प्रमोट हार्मनी एंड स्पिरिट ऑफ ब्रदरहुड अमंग ऑल द पीपल इन इंडिया ठीक है चाहे वो किसी भी रिलीजस में हो लैंग्वेज हो रिलीजन हो सेक्शन हो अलग-अलग डाइवर्सिटी से बिलोंग करते हो बट आपने हर एक दूसरे के साथ भाईचारे से ट्रीटमेंट करना है सो

फ्रेटरनिटी हैज टू अशोर टू थिंग्स द डिग्निटी ऑफ द इंडिविजुअल फ्रेटरनिटी फ्रेटरनिटी प्रमोट करने के पीछे मोटो क्या है कि इंडिविजुअल डिग्निटी को हम लोग सिक्योर कर सके ठीक है सामने वाले को उतना अपमानित या डिस्क्रिमिनेशन से बिहेव नहीं करना है ताकि उसके डिग्निटी को हार्म हो

सके ठीक है इस तरह से हम लोग यूनिटी एंड इंटीग्रिटी ऑफ द नेशन बनाए रखेंगे टुकड़े-टुकड़े नहीं होंगे हमारे कंट्री के ठीक है एक एकता बनी रहेगी इंटीग्रिटी बनी रहेगी सो द वर्ड इंटीग्रिटी अगेन दिस वर्ड इंटीग्रिटी वाज एडेड टू द प्रीमल बाय द 42 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट दिस वाज द थर्ड

वर्ड अ तीन वर्ड्स जो हमने देखे थे उसमें का यह थर्ड वर्ड है जो 42 अमेंडमेंट एक्ट से ऐड किया गया था अंडर फ्रेटरनिटी ठीक है इंटीग्रिटी वर्ड देन लास्टली हम लोग देखेंगे सिग्निफिकेंट ऑफ़ द प्रीमल ठीक है यह प्रीमल का इतना इंपॉर्टेंस क्यों है तो यह बेसिक फिलोसोफी एंड फंडामेंटल वैल्यूज एंड

ग्रैंड नोबल विज़न ऑफ़ द कॉन्स्टिट्यूशन मेकर्स दिखाता है के एम मुंशी इन्होंने इसे कहा है होरोस्कोप ठीक है होरोस्कोप का मतलब होता है भविष्यवाणी ठीक है सो हम लोग जो हमारा कंट्री एस्टेब्लिश करना चाहते हैं सोवन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक उसके भविष्यवाणी यानी किस तरह से हमारा कांस्टिट्यूशन अडॉप्ट होने वाला है या

हमारा किस तरह से कंट्री आगे होने वाला है ठीक है उसके रिगार्डिंग इसे एक होरोस्कोप बताया गया है प्रीमल को पंडित ठाकुर दास भार्गवा इसे कहते हैं मोस्ट प्रेशियस पार्ट ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन सोल ऑफ द कांस्टिट्यूशन की टू द कॉन्स्टिट्यूशन ज्वेल सेट यार्ड स्टिक ऑन व्हिच वन कैन

मेजर द कॉन्स्टिट्यूशन ठीक है सर अर्नेस्ट बेकर इसे कहते हैं की नोट ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन सबसे इंपॉर्टेंट की धुन जो होती है सबसे इंपॉर्टेंट धुन जो किसी गाने की होती है उसी तरह से कांस्टिट्यूशन का एक सबसे इंपॉर्टेंट की नोट है प्रीमल जस्टिस हिदायतुल्ला सेज दैट इट

रिसल्ट है ये रिसल करता है डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स के अ प्रीमल से ठीक है या उनका जो फ्रीडम जिस पर बेस्ड था उसी तरह से हमारा जो इंडिपेंडेंस है उसी पर जो कॉन्स्टिट्यूशन हमने बनाया हुआ है तो ये प्रीमल उसी पर बेस्ड है ओके सो हियर वी विल एंड दिस

चैप्टर फ्रेंड्स अगर आपको यह वीडियो पसंद है आपको यह ऐसे लग रहा है कि आपको एग्जाम में यह हेल्पफुल हो सकता है सो प्लीज डू लाइक सब्सक्राइब एंड शेयर और अगर आप में इस वीडियो सीरीज में अगर कोई चेंजेज आपको रिक्वायर्ड है या आपको आपकी कोई डिमांड है

तो आप लोग मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बता सकते हैं थैंक यू एंड हैव अ नाइस डे

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